माफ़ करना बापू आपको लोग ज़बरदस्ती हमारी आँखों से ओझल कर रहे हैं। माफ़ करना बापू आपको लोग ज़बरदस्ती हमारी आँखों से ओझल कर रहे हैं।
हिन्दुस्तान को लोग उसकी संस्कृति से जानते हैं यही हमारी एक सटीक-सी रचना है। हिन्दुस्तान को लोग उसकी संस्कृति से जानते हैं यही हमारी एक सटीक-सी रचना है।
लोगों कि ज़ुबान कहती है किसान देश की नींव है| लोगों कि ज़ुबान कहती है किसान देश की नींव है|
वो फिर से गली के उस मोड़ पर टकटकी लगाए चाय के ठेले के पास पड़ी बेंच पर बैठ गया, अवंतिका वो फिर से गली के उस मोड़ पर टकटकी लगाए चाय के ठेले के पास पड़ी बेंच पर बैठ गया, ...
तरह एक गिरती हुई राजनीति को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। तरह एक गिरती हुई राजनीति को काफी हद तक सुधारा जा सकता है।
कृष्ण वही है जो तुम कहते हो , कृष्ण वह नहीं है जो तुम कहते हो। कृष्ण वही है जो तुम कहते हो , कृष्ण वह नहीं है जो तुम कहते हो।